भूलकर भी पानी ना पिएं, अगर आपने खाई है इन 7 में से कोई भी चीज

पानी पीना शरीर के लिए बहुत अधिक लाभकारी होता है। हर व्यक्ति को हर दिन 6 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। यानी कम से कम 6 गिलास पानी तो पीना ही चाहिए। बाकी आप जितना पानी आराम से पी सकें पिएं। ऐसा इसलिए क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर को पानी की बहुत जरूरत होती है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सभी लोगों के शरीर को समान मात्रा में पानी की जरूरत पड़े। क्योंकि यह आपकी डायट पर भी निर्भर करता है।

भुने हुए चने खाने के बाद

-भुने हुए चने खाने के बाद या चने की चाट खाने के बाद पानी पीने से पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चने पचाने के लिए हमारे शरीर को तीक्ष्ण पाचकाग्नि या जठराग्नि की जरूरत होती है।

-जबकि पानी पाने से यह अग्नि शांत हो जाती है। ऐसे में जब पेट में पहुंचे चने ठीक प्रकार से पच नहीं पाते हैं या उनका पाचन डिस्टर्ब हो जाता है तो पेट में दर्द की समस्या हो जाती है।

अमरूद खाने के बाद

-नमक-मिर्च लगाकर अमरूद खाने का अपना आनंद होता है। सर्दियों में तो धूप में बैठकर नमक-मिर्च के साथ अमरूद खाया जाए तो स्वाद और भी अधिक बढ़ जाता है।

-ऐसा अक्सर होता है जब नमक के साथ अमरूद खाने के बाद पानी पीने की इच्छा होती है। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि अमरूद खाने के बाद पानी पीने से पेट में गैस की समस्या हो सकती है या कुछ ही देर बाद तेज दर्द हो सकता है।

-ऐसा अमरूद के बीजों के कारण होता है। आप अमरूद का पूरा लाभ लेने के लिए उसे बीजों के साथ ही खाते हैं…लेकिन जब अमरूद खाने के बाद पानी पी लिया जाता है तो यह बीजों के पाचन को प्रभावित करता है और नतीजा पेट दर्द के रूप में सामने आता है।

आइसक्रीम खाने के बाद

-आइसक्रीम खाने के बाद भी पानी पीने का बहुत मन होता है। लेकिन ऐसा करते ही आपके गले में खराश की समस्या हो सकती है या दांतों में सेंसेशन की समस्या हो सकती है। इनसे बचने के लिए आइसक्रीम खाने के कम से कम 10 मिनट बाद पानी का सेवन किया जा सकता है।

चाय पीने के बाद पानी ना पिएं

-चाय या कॉफी पीने के बाद अक्सर पानी पीने की इच्छा होती है। ऐसा जीभ पर मौजूद टेस्ट बड्स के कारण होता है। जो लगातार गर्म लिक्विड का सेवन करने के बाद शीतलता चाहती हैं और आपका मन पानी पीने का करता है।

-लेकिन चाय का कॉफी पीने के बाद कम से कम 20 से 25 मिनट तक पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। नहीं तो आपका पेट खराब हो सकता है। पाचनतंत्र धीमा होने से पेट में भारीपन की समस्या हो सकती है। या हो सकता है कि आपको स्टूल ठीक से ना हो।

फल खाने के तुरंत बाद

-केला, चीकू, नाशपाती, सेब, अनानास, अनार इत्यादि कोई भी फल खाने के तुरंत बाद पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ज्यादातर फलों में शुगर कंटेंट होता है या साइट्रिक एसिड होता है।

-मीठे फल खाते ही पानी पीने से आपको अपच, खांसी या शुगर का स्तर बढ़ने की समस्या हो सकती है। जबकि खट्टे फल खाने के तुरंत बाद पानी पीने से गले में दर्द, खराश इत्यादि समस्या हो सकती है। इस बात को आप इस तरह समझ सकते हैं कि पानी में नींबू निचोड़कर पीना अलग बात होती है और नींबू चाटने के बाद पानी पीना अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है।

-हां, आंवला खाने के बाद आप पानी पी सकते हैं। लेकिन यह भी जान लें कि आंवला फल और सब्जी दोनों में आता है। आंवला खट्टा नहीं होता बल्कि इसका स्वाद कसैला होता है। आंवले का बीज नहीं खाया जाता और इसके गूदे में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। इसके साथ ही इसके औषधीय गुण इसे एक अद्भत जड़ी-बूटी बनाते हैं।

मूंगफली खाने के बाद

-मूंगफली की तासीर गर्म होती है। यह स्वाद में हल्की मीठी लेकिन प्रकृति से शुष्क होती है। इसी कारण मूंगफली खाने के बाद पानी पीने का मन करता है। क्योंकि मूंगफली खाने के बाद मुंह सूखा-सूखा हो जाता है।

-लेकिन मूंगफली खाने के तुरंत बाद यदि आप पानी पी लेंगे तो आपको खांसी की समस्या हो सकती है। ऐसा विरोधी प्रकृति के कारण होता है। क्योंकि पानी शीतल होता है और मूंगफली गर्म होती है। इसलिए मूंगफली खाने के कम से कम 20 मिनट बाद पानी पिएं।

स्वीट्स और डोनट्स

-कोई भी मिठाई या मैदा से बना शुगर युक्त फूड खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि पानी शरीर में शुगर की मात्रा और सोखने की तीव्रता को बढ़ा देता है। आप इसे अमेरिका में हुए एक शोध के उदाहरण से समझ सकते हैं।

-अमेरिकी वैज्ञानिकों ने शरीर में शुगर के प्रभाव पर अपने एक शोध के दौरान पाया कि यदि एक डोनट खाने के बाद पानी पी लिया जाए तो यह शरीर में शुगर की मात्रा इतनी अधिक बढ़ा देता है, जितनी शुगर शरीर को एक साथ दो डोनट खाने से भी नहीं मिलती।

-ऐसा पानी और शुगर के घटकों के मिलने से होता है और प्रतिक्रिया स्वरूप शरीर के अंदर ब्लड शुगर की मात्रा बहुत अधिक तेजी के साथ बढ़ जाती है। जो तुरंत प्रभाव में अपच की वजह और लंबे समय तक ऐसा करने पर टाइप-2 डायबिटीज की वजह बन सकती है। यह बात भारतीय मिठाइयां खाने के बाद पानी पीने की आदत पर भी लागू होती है।

यह तो आपको पता ही है!

-हम सभी जानते हैं कि खाना खाने के तुरंत बाद पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से भोजन का पाचन ठीक से नहीं हो पाता है और अपच के कारण पेट में गैस या दर्द की समस्या हो जाती है। कुछ लोगों को पेट में देर तक भारीपन बना रह सकता है।

पथरी को गला देती है मूसली, शरीर को बनाती है फौलादी, महिला और पुरुष दोनों के लिए है चमत्कारी औषधि

Musli

मूसली का नाम तो आपने सुना ही होगा। ताकत की कई तरह की आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग होने वाली मूसली किसी चमत्कारी औषधि से कम नहीं होती। इसका उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है। सफेद मूसली ने केवल शारीरिक ऊर्जा बढ़ाती है, बल्कि यह कई बड़ी बीमारियों का रामबाण इलाज होती है। तो आइए आपको बताते हैं मूसली के पांच चमत्कारी फायदे के बारे में:

1. शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में मूसली बेहद लाभकारी है

सफेद मूसली शारीरिक शिथिलता को दूर करती है। शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में यह बेहद लाभकारी है। यही कारण है कि कई तरह की आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में सफेद मूसली का प्रयोग किया जाता है।

शारीरिक ऊर्जा

2.

पेशाब में जलन होने पर तो सफेद मूसली की जड़ को पीसकर इलायची के साथ दूध में उबालकर पीना बेहद फायदेमंद होता है। दिन में दो बार इसे पीने से बहुत आराम होता है।

पेशाब में जलन

3.

महिलाओं के लिए भी मूसली बहुत फायदेमंद होती है। यह महिलाओं में बढ़ती उम्र का असर कम करती है और उनकी सुंदरता में निखार लाती है। इसके अलावा कई तरह के स्त्री रोगों में इसका सेवन फायदेमंद होता है।

स्त्री रोग

4.

पथरी यानि स्टोन की समस्या में सफेद मूसली बहुत कारगर उपाय है। इसे इन्द्रायण की सूखी जड़ के साथ बराबर मात्रा (1-1 ग्राम) में पीसकर, एक गिलास पानी में डालकर खूब मिलाएं। इस मिश्रण को मरीज को हर दिन सुबह पिलाने से महज सात दिन में ही प्रभाव दिखता है। इसके सेवन से बड़ी पथरी भी गल जाती है।

Stone Problem

5.

भागदौड़ भरी जिंदगी में बदन दर्द की शिकायत भला किसे नहीं होती! ऐसी स्थिति में हर दिन सफेद मूसली की जड़ का सेवन लाभकारी होता है। उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लडप्रेशर और गठिया में भी मूसली का सेवन फायदेमंद होता है।

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चुस्ती-फूर्ति बढ़ाकर शरीर को फौलाद बना देता है गोंद, महिलाओं की समस्या के लिए है चमत्कारी उपाय

Gond

गोंद का नाम तो आपने सुना ही होगा, इसके लड्डू भी खाए होंगे। कई लोगों के मन में यह सवाल होता होगा कि ये गोंद आखिर है क्या? दरअसल पेड़ के तने में चीरा लगने पर निकलने वाला पदार्थ गोंद है। कीकर या बबूल का गोंद पौष्टिक होता है। सर्दियों के मौसम में गोंद के सेवन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह शरीर में गर्मी बनाए रखता है। गोंद का सेवन दिमागी तरावट और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं में भी बहुत फायदेमंद होता है। आइए, जानते हैं इसके और कई सारे फायदे:

1. गोंद के लड्डू

गोंद के लड्डू के साथ दूध का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप बीमार होने से बच पाएंगे। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और साथी ही मांसपेशियों को भी। खास तौर से रीढ़ की हड्डी के लिए गोंद का सेवन बेहद फायदेमंद है।

गोंद के लड्डू

2.

रोजाना भुनी हुई गोंद का सेवन करना हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। हृदय संबंधी अन्य रोगों के लिए भी यह फायदेमंद है। कमजोरी को दूर करने के लिए भी गोंद के लिए बेहद लाभदायक है। यह थकान, चक्कर आना और माइग्रेन जैसी समस्याओं को भी दूर करता है।

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3.

गर्भवती महिलाओं के लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है। इस समय यह रीढ़ की हड्डी की मजबूती के लिए जरूरी है और मां का दूध बढ़ाने में लाभकारी होता है। महिलाओं में पीरियड्स संबंधी समस्याओं और डिलवरी के बाद होने वाली कमजोरी, ल्यूकोरिया और अन्य समस्याओं को भी यह ठीक करता है।

pregnent women

4.

कब्ज के मरीजों के लिए गोंद का सेवन मददगार साबित होता है। दिन में 1 बार इसका सेवन आपकी इस समस्या को दूर कर सकता है। शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिए भी गोंद के लड्डू या पंजीरी का सेवन किया जाता है।

कब्ज

5.

पलाश के गोंद से भी हड्डियां मजबूत होती है। पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध अथवा आंवले के रस के साथ लेने से ताकत औरवं वीर्य की वृद्धि होती है तथा अस्थियाँ मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है।

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घर की हवा को शुद्ध करेंगे ये खास पौधे, इन बातों का भी रखें ध्यान

शुद्ध हवा अब किताबों की बात हो गई है। हर तरफ धुआं ही धुआं है। हम सभी को मालूम है कि शुद्ध हवा हमारे लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए कितनी जरूरी है, बावजूद हम उतनी कोशिशें नहीं कर रहे जितनी करनी चाहिए। प्रदूषण चारों तरफ फैला हैं, जो कई तरह से हमारी सेहत को प्रभावित कर रहा है। घर के बाहर की अशुद्ध हवा पर तो हमारा नियंत्रण नहीं है, लेकिन घर के अंदर की हवा को हम अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से शुद्ध बना सकते हैं।

स्नेक प्लांट और स्पाइडर प्लांट

इसके लिए आपको बस इतना करना है कि कुछ नेचुरल एयर प्यूरीफायर पौधे लगाने होंगे।

1. एलोवेरा

एलोवेरा

सूरज की थोड़ी सी रोशनी में भी पनपने वाला यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यह एक प्यूरीफायर भी है। यह प्रदूषण को सोखता है। इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, ज्यादा पानी देने से यह खराब हो जाता है। ठंड के समय इसे धुंध से बचाएं और धूप में जरूर रखें।

2. स्नेक प्लांट

स्नेक प्लांट
नाग पौधा, इसे घर के अंदर गमले में लगाया जाता है। इसमें हवा को शुद्ध करने के गुण हैं। यह रात को कार्बन डाई ऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलता है। यह आसानी से लगाया जा सकता है, क्योंकि इसको बढ़ने के लिए सूर्य की ज्यादा रोशनी नहीं चाहिए होती है। यह ज्यादा पानी डालने से गल जाता है। इसे बेडरूम में भी लगा सकते हैं।

3. ग्रीन तुलसी

तुलसी
हवा को ताजा बनाए रखने के लिए काफी अच्छा पौधा है यह। इसे रोजाना पानी और सूरज की रोशनी चाहिए। आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा सर्दी-जुकाम में राहत के अलावा इम्युनिटी को बढ़ाता है। तुलसी का पौधा 24 में से 20 घंटे सिर्फ ऑक्सीजन छोड़ता है और कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड व सल्फर डाई ऑक्साइड को अच्छे से सोख लेता है।

4. स्पाइडर प्लांट

स्पाइडर प्लांट
अगर आपको पौधों की देखभाल करने का ज्यादा समय नहीं मिल पाता तो आप स्पाइडर प्लांट को घर में लगाएं। इसे ज्यादा केयर की जरूरत नहीं होती। यह पौधा जाइलीन, बेंजीन, फॉरमलडिहाइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी विषैली गैसों से वातावरण को शुद्ध कर देता है।

इन बातों का ध्यान रखें

घर में इमली न लगाएं। इमली का पौधा भी ऑक्सीजन देता है, लेकिन यह कार्बन डाई ऑक्साइड ज्यादा छोड़ता है। कपास के पौधे को भी घर के आसपास न लगाएं, यह ग्रीन हाउस गैस छोड़ती है।

पीरियड्स के दर्द से रहती हैं परेशान तो दादी मां के ये नुस्खे करेंगे मदद

हर महीने महिलाओं को एक हफ्ते पीरियड्स के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कई महिलाओं को पीरियड शुरू होने से पहले या शुरू होने पर पेट फूला हुआ लगता है और अपना वजन अधिक लगता है। ये प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षणों में से एक हो सकता है। कुछ महिलाओं को हद से ज्यादा कमर और पेट दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। अगर आपको इस दौरान असहनीय दर्ट होता है तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से इसकी जांच कराएं। आइए जानते हैं पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए कुछ दादी मां के नुस्खों के बारे में…

periods

1. दूध और हल्दी
पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पिएं। हल्दी में एंडोमेट्रियम रिलैक्स होता है साथ ही यह शरीर में गर्मी पैदा करती है। तो अगली बार इन दिनों में रात को सोते समय 1 गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पिएं।

हल्दी

2. गर्म पानी से नहाना
पीरियड्स के दिनों में गर्म पानी ने नहाने से फायदा मिलता है। फिल्हाल गर्मी का मौसम है तो ऐसे में आप गुनगुने पानी से शॉवर ले सकती हैं। आप चाहे तो गर्म पानी से सिकाई भी कर सकते हैं।

Shower

3. मेथी का पानी
मेथी दाने से भी पीरियड्स के दर्द में निजात पाया जा सकता है। इसके लिए 1 चम्मच मेथी को 7-8 घंटे के लिए 1 कप पानी में भिगो दें। अब इस पानी को उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो फिर उसे पी लें।

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4. ग्रीन टी 
पीरियड्स के दिनों में ग्रीन टी पीने से भी आपको आराम मिलेगा।

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5. काली मिर्च और अदरक की चाय
अदरक और काली मिर्च की चाय बनाकर पीने से भी आपको काफी आराम मिलेगा। अदरक साइक्लिक फैटी ऐसिड्स के स्तर को कम कर देती है। ये ऐसिड्स शरीर में हॉर्मोन की तरह काम करते हैं। एक चीज का ख्याल रखें कि अदरक और काली मिर्च की मात्रा ज्यादा न हो, वर्ना आपके पेट में जलन भी हो सकती है।

Tea

बुखार में दवाओं के बगैर भी देसी नुस्‍खों से मिल सकती है राहत

मौसम में बदलाव हो या फिर शरीर का तापमान गड़बड़ा गया हो , हम बुखार का शिकार होते ही रहते हैं. कई बार ये हमारी लापरवाही का भी परिणाम होता है.

वैसे तो बुखार हो या खांसी, हमें डॉक्टर के पास जाने की आदत पड़ गई है. लेकिन कुछ लोगों को दवाइयों और इंजेक्शन से परहेज होता है. ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खे हमारे काम आ सकते हैं. जो बुखार को कम भी करेंगे और आपको राहत भी देंगे. आइए जानते हैं क्या हैं वो नुस्खे :

1 . अगर आपको सर्दी के समय बुखार हुआ है तो अदरक और शहद मिलाकर खाएं. इससे आपको काफी हद तक आराम मिलेगा. या फिर अदरक की चाय बनाकर पीएं.

2 . मुलैठी खाने से भी आपको फायदा मिलेगा. मुलैठी और काली मिर्च को मिलाकर भून लें. इस चूर्ण को पानी के साथ ले लें. उससे बुखार कम हो जाएगा.

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3 . लहसून को आंच पर भूनकर उसे लौंग के साथ खाने से भी बुखार से राहत मिलती है.

4 . एप्पल साइडर विनिगर भी बुखार कम करने के लिए जाना जाता है. यह बुखार को ज्यादा फैलने से भी रोकता है.

5 . तेज बुखार हो तो सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखें. इसके अलावा तुलसी के पत्ते खाए जा सकते हैं.